दोस्त गणेशा

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ट्रिन-ट्रिन, ट्रिन-ट्रिन... अलार्म की आवाज़ सुनते ही अर्णव झट-से उठकर बैठ गया। इतने में मम्मी भी अर्णव के कमरे में आ पहुंची और बोली, ‘‘अरे, क्या बात है अर्णव? आज तो तुम अलार्म की आवाज़ से ही उठ गए। रोज़ तो मेरे उठाने से भी नहीं उठते।’’ बिस्तर से उठकर बाथरूम की ओर जाते हुए अर्णव बोला, ‘‘हाँ, मम्मी आज मेरा दोस्त घर आ रहा है। तो मुझे तो जल्दी उठना ही था।’’ मम्मी ने हैरानी से पूछा, ‘‘तुम्हारा दोस्त, तुम्हारा कौन-सा दोस्त घर आने वाला है।’’ अर्णव कुछ नहीं बोला। मम्मी भी कमरे से चली गईं। कुछ देर बाद