शामली के पति शैलेंद्र काम के सिलसिले में अक्सर विदेश जाया करते थे, इसलिए उसने अपने बेटे सार्थक का पालन पोषण एक तरह से अकेले ही किया था। शलेंद्र की रिटायरमेंट के बाद वह खुश थी, कि अब परिवार एक साथ रहेगा।