स्वाभिमान - लघुकथा - 10

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सुलझे विचारों वाली, तीन भाई बहनों में सबसे बड़ी गीता को ग्रेजुएशन करते ही बैंक में नौकरी मिल गई। बैंक में भी वो अपने काम और व्यवहार के कारण सबकी प्रिय बन गई। न जाने कब उसे अपने सहकर्मी से प्रेम हुआ पता ही नहीं चला, दोनों ऑफिस के बाद कभी कभी मिल लिया करते थे। एक दिन बातों-बातों में नरेश बोला, “मैं तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ, तुमसे दूरी बर्दाश्त नही होती मुझसे, मैंने अपने मम्मी-पापा से बात कर ली है, कोई ऐतराज नही है उन्हें हमारी शादी पर, इन्फेक्ट वो तो चाहते हैं कि तुम जल्दी से जल्दी हमारे घर आ जाओ।