रिश्ते की डोर

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वर्तमान समाज ऐसे विडंबना के दौर से गुजर रहा है, जब छोटी-छोटी बातों पर रिश्ते टूट रहे हैं । रिश्तों की गिरती गरिमा का युवा मनः मस्तिष्क पर इतना नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है कि आज की युवा पीढ़ी रिश्तों के स्थायित्व को लेकर स्वयं को असुरक्षित महसूस करती है । वर्तमान समाज की इसी विसंगति को लेकर प्रस्तुत कहानी की सर्जना की गई है ।