ईदी अब्बा

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सेठ ग्यान चंद्र चिकन के कारोबार के बड़े व्यापारी थे, व्यापार की अच्छी समझ थी, बाजार भाव से कम रेट पर माल बेच लेना और मुनाफा भी कमा लेना उन्हें अच्छी तरह आता था। भगवान के भक्त भी थे और द्वन्द-धन्द से काम करने में उनको कोई गुरेज़ न था। उन्नीस बीस कपडे को कम साइज का कटवाकर दो चार इंच कपडा बचा लेना, कारीगरों से कम रेट पर माल बनवा लेना उनकी फितरत थी। कपडे की कटिंग से लेकर कड़ाई धुलाई प्रेस आदि में हिसाब करते वक़्त कुछ न कुछ काट लेने में उन्हें महारत हासिल थी, क्योंकि काम