लग जा गले

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दिव्या की क्लास में ज्यादा शोर हो रहा था सो मैं बच्चों को चुप कराने में दिव्या की मदद करने के लिए उसकी क्लास में गया पर क्लास का नज़ारा कुछ ओर ही था दिव्या बच्चों से अन्तराक्षरी प्रतियोगिता करवा रही थी इसलिए उनके शोर से क्लास गूंज रही थी. मैंने चुपचाप क्लास के भीतर प्रवेश किया तभी दिव्या ने मुझे आते हुए देख लिया और उसके चेहरे पर मुसकुराहट फेल गयी..मैंने उसकी आँखों मे देखने की नाकाम कोशिश की पर उसने अपनी आँखें चुरा ली और बच्चों से बोली "शांत हो जाओ बच्चों..अब अर्पित सर आपको एक गीत सुनाएँगे.."