काया विज्ञान कहता है: यह काया पंचतत्वों से मिलकर बनी है- पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश. लेकिन इन पाँचों तत्वों के बीच इतना गहन आकर्षण क्यों है कि इन्हें मिलना पड़ा? कितने तो भिन्न हैं ये... कितने विपरीत...... कहाँ ठहरा हुआ-सा पृथ्वी तत्व, तरंगित होता जल तत्व, प्रवाहमान वायु तत्व, और कहाँ अगोचर आकाश तत्व, कोई भी तो मेल नहीं दिखता आपस में.... ये कैसे मिल बैठे....? कौन-सा स्वर सध गया इनके मध्य....? निश्चित ही इन्हें इकट्ठा करनेवाला, जोड़नेवाला, मिलाने वाला कोई छठा तत्व भी होना चाहिए.... यह प्रश्न स्पन्दित हुआ ही था कि दसों दिशाएँ मिलकर गुनगुनाईं....प्रेम....वह छठा