चोर

(19)
  • 12.8k
  • 2
  • 4.3k

मुझे बेशुमार लोगों का क़र्ज़ अदा करना था और ये सब शराब-नोशी की बदौलत था। रात को जब मैं सोने के लिए चारपाई पर लेटता तो मेरा हर क़र्ज़ ख्वाह मेरे सिरहाने मौजूद होता...... कहते हैं कि शराबी का ज़मीर मुर्दा होजाता है, लेकिन मैं आप को यक़ीन दिलाता हूँ कि मेरे साथ मेरे ज़मीर का मुआमला कुछ और ही था। वो हर रोज़ मुझे सरज़निश करता और मैं ख़फ़ीफ़ होके रह जाता।