पार्वती घुटनों में सर छुपाए बैठी थी। उसे अपने तीन बच्चों की फिक्र थी। घर में अब कमाने वाला कोई नहीं था। उस रात पार्वती के जीवन में वह विस्मयकारी घटना घटी। झगड़ा कर उसका पति घर से निकल गया। फिर वापस नहीं लौटा। उसे खोजने गया देवर बौराया सा चिल्लाता है रौशनी निगल गई.. उसे रौशनी निगल गई