जंग-ए-जीवन भाग-1पैरो में काले रंग के मजबूत जूते पहने हुए, काला रंग का कुर्ता और पायजामा भी काला।सिर पर पगड़ी भी काले रंग की पहनी हुई एक डाकूरानी अपने कक्ष से बाहर आई।अपने दोनों हाथ फैलाये सिर आकाश की और ऊंचा लिए अपने मन ही मन बोली ... कुदरत तु सबसे बड़ा जादूगर है।ये हवा, ये वादिया, ये पानी ये पेड़ पौधे न जाने... बुरे के बुरे इंसान को भी अच्छा बना देती है एक ३५ साल का पुरुष अपने कक्ष से बाहर आया।डाकूरानी (१७ साल की है डाकुरानी)के सिर पे हाथ रखकर बोले :क्या सोच रही है मेरी राजकुमारी?(वो आने वाला पुरुष भी