सत्य हरिश्चन्द्र - 1

  • 26.9k
  • 1
  • 9.7k

अथ सत्यहरिश्चन्द्र (मंगलाचरण) सत्यासक्त दयाल द्विज प्रिय अघ हर सुख कन्द। जनहित कमला तजन जय शिव नृप कवि हरिचन्द1 ।। 1 ।। (नान्दी के पीछे सूत्राधार2 आता है)