जीवन में छोटी-छोटी चीज़ें बड़े-बड़े दार्शनिक सबक सीखा जाती हैं। जीवन की क्षणभंगुरता देखिए कि यहाँ कुछ नहीं टिकता, न मामूली, न ख़ास। और यह ज्ञान एक मामूली सोफे ने दिया। सोनल दीदी के सोफे ने।