आजाद-कथा - खंड 2 - 88

  • 5.8k
  • 1.5k

आध कोस चलने के बाद इन चोरों ने सुरैया बेगम को दो और चोरों के हवाले किया। इनमें एक का नाम बुधसिंह था, दूसरे का हुलास। यह दोनों डाकू दूर-दूर तक मशहूर थे, अच्छे-अच्छे डकैत उनके नाम सुन कर अपने कान पकड़ते थे। किसी आदमी की जान लेना उनके लिए दिल्लगी थी। सुरैया बेगम काँप रही थी कि देखें आबरू बचती है या नहीं। हुलास बोला, कहो बुद्धसिंह, अब क्या करना चाहिए?