आजाद-कथा - खंड 2 - 66

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शाहजादा हुमायूँ फिर कई महीने तक नेपाल की तराई में शिकार खेल कर लौटे तो हुस्नआरा की महरी अब्बासी को बुलवा भेजा। अब्बासी ने शाहजादा के आने की खबर सुनी तो चमकती हुई आई। शाहजादे ने देखा तो फड़क गए। बोले - आइए, बी महरी साहबा हुस्नआरा बेगम का मिजाज तो अच्छा है? अब्बासी - हाँ, हुजूर!