यहाँ सन 2000 तथा 20150 की दो कहानियाँ हैं कि कैसे पेंशनधारी हरिनाथ का परिवार जी रहा है, जिसमें उनके बेटे आदिनाथ, बहू जयवंती और पोता दीनानाथ हैं और कैसे सन 2050 में एन.पी.एस. वाले हरिश का परिवार जी रहा है, जिसमें उनका बेटा आदिल, बहू जया और पोता दिनेश हैं।