लघुकथाएँ "तुमसे सलाह लेना ही मुर्खता है. पगला कहीं के...."कहते हुए रवि पुन: रोने लगा. मिलने का समय समाप्त हो गया था. प्रहरी उसे अंदर ले गया. भोला लौट गया,उसे अपने मित्र की सहायता न कर पाने का थोड़ा गम था और थोड़ी खुशी इस बात की थी कि उसके मित्र को सुधरने और पश्चाताप करने का अवसर मिला.