प्रकाश का सिलेक्शन एक सरकारी विभाग में अधिकारी पद पर हो गया था । वह अपने काम में पूरी तरह व्यस्त हो गया था उसे अब पुरानी बात याद करने का समय भी नही रह गया था । वह समय भी आ गया जब सौम्या का सिलेक्शन भी उसी विभाग में हो गया जहाँ प्रकाश पहले से ही पोस्टेड था । एक दिन जब दोनों पहली बार मिलते हैं , तो वे एक दूसरे के लिए अजनबी होते हैं । वे दोनों ही यह नही जान पाते कि वे बचपन के दोस्त हैं और साथ साथ पढ़े हैं । क्योंकि बचपन में छोटे-छोटे बालों से दो चोटी करने वाली नकचढ़ी लड़की अब वैसी नही रही थी । अब वह सुंदर सुड़ौल और आकर्षक शरीर वाली जवान युवती थी । उम्र के अनुसार पर्याप्त वसा का जमाव शरीर को आकर्षण और त्वचा को चमक प्रदान कर रहा था । उसकी बड़ी- बड़ी मनमोहक आँखें और घने लम्बे बाल उसकी सुंदरता में चार चाँद लगा रहे थे । उस दिन हरित वस्त्रों में उसका गौर बदन और भी आकर्षक लग रहा था , उसके खूबसूरत गुलाबी होंठ ऐसे लग रहे थे जैसे कोई खिलता हुआ कमल मुस्करा कर कह रहा हो की तेरी ही तलाश थी मुझे । प्रकाश भी अब वैसा नही था उसके चेहरे पर जीत की रौनक साफ दिखती थी पहले की तरह गरीबी के कारण परेशान सा दिखनेवाला मासूम प्रकाश नही था । अब वह गठीले शरीर वाला आत्मविश्वास से भरा हुआ एक हष्ट-पुष्ट नवयुवक था । दोनों ही एक दूसरे को पहचान नही रहे थे फिर भी उनको ऐसा लग रहा था कि वे पहले भी कभी मिले हैं , पर कहाँ कुछ याद नही आ रहा था