नियति बेटे प्रदीप की कहानी है जो अपने डॉक्टर माता पिता और चार साल बड़ी बहन प्रेमा के साथ रहता था।सबको दोहरी खुशी मिली थी और उसे भाग्यशाली माना जा रहा था क्योंकि उसका जन्म चार साल बाद हुआ था और जन्म के बाद पापा को प्रमोशन मिला था।थोड़ा बड़े होने पर उसका पढाई में कम मन लगता था ।वो ज्यादातर टीवी देखता और उसमें भी आपराधिक सीरियल में रुचि थी।प्रेमा उसे यह सब देखने मना करती और शिकायत की बात करती तो वो कॉपी किताब उठाकर अपने दोस्त जय के घर जाकर दोनों टीवी देखने लगते।सबसे समझाने से उसपर कोई असर न देख मम्मी ने नौकरी छोडने का फैसला कर लिया।पापा ने गुस्से से टीवी कनेक्शन कटवाने की धमकी देदी।प्रेमा की पढाई पूरी हो गई थी और कुछ दिन बाद शादी हो गई। प्रतीक ने किसी तरह कॉलेज की पढाई पूरी कर पापा से बिजनेस के लिये पैसे मांगकर डुबा दिए।अब कहीं से पैसा उधार ले कर शेयर बाजार में लगाया ।लेकिन वहां पर भी घाटा हो गया ।उसने फिर से उधार चुकाने पापा से मांगना शुरू किया।पापा ने इस बार इतना पैसा देने से मना कर दिया।तब प्रदीप इसी बात पर बहस के समय एक दिन उन पर पिस्टल चला दी ,मां के विरोध करने पर उन्हें भी मार दिया।पुलिस के सामने आनाकानी के बाद जुर्म कबूला।उसे जेल भेज दिया गया।