बड़प्पन - National Competition

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बड़प्पन मनोज कुमार शुक्ल सपन की नींद अचानक खुल गयी। घड़ी की ओर देखा तो सुबह के चार बजने वाले थे। सामने पलंग पर उसकी पत्नी सरोज गहरी निद्रा में लीन थी। उसका आठवां महीना चल रहा था। बगल में सोये छः वर्षीय नन्हें आसु ने करवट बदली और अपनी आदत के मुताबिक अपने एक हाथ को अपनी माँ के सीने में रखकर ममत्व की मीठी नींद में पुनः सो गया। उसके इस कृत्य से सरोज की नींद में काई खलल नहीं पड़ी। जिसे देख सपन ने संतोष की सांस ली। नींद पूरी न होंने से उसके सारे शरीर में