आज साकेत की बरसी थी। सोसाइटी के कम्यूनिटी हॉल में सब जमा थे। सभी ने कुछ क्षण मौन रख कर साकेत को श्रृद्धांजली दी। उसके बाद रेनू ने बोलना शुरू किया। आज मेरे बेटे को इस दुनिया से गए एक साल हो गया। इस एक साल में हम खूब रोए, पछताए। लेकिन कुछ भी हमारे बेटे को वापस नहीं ला सकता था। बस हम पति पत्नी अपनी गलती का एहसास कर सकते थे। वह हमें हो गया। इसीलिए आज हमने आपको यहाँ बुलाया है ताकि आप वह गलती ना करें जो हमने की। आप सभी हमारी तरह अपने बच्चों के लिए जीते हैं। उनके भविष्य के लिए रात दिन मेहनत करते हैं। उन्हें सब कुछ देने की कोशिश करते हैं। लेकिन अपना थोड़ा सा समय नहीं दे पाते हैं।