निलंबन

(1.8k)
  • 8.1k
  • 1.8k

चिकित्सा के क्षेत्र में फैले भ्रष्टाचार की मार्मिक कहानी है निलंबन । अस्पताल में जाते समय मरीज डॉक्टर को भगवान समझता है , किंतु वर्तमान समय में वही भगवान स्वार्थ के वशीभूत दवाई विक्रेता से दलाली खाता है , रेडियोलॉजिस्ट-पैथोलॉजी से कमीशन लेता है । वह मरीज की मानसिक और आर्थिक दशा की परवाह किए बिना वही दवाइयां लिखता है और उन्हीं से जाँच कराता है , जो उसे अपेक्षाकृत अधिक कमीशन देते हैं । कहानी का नायक आलोक कथा में कार्यरत चिकित्सकों के इस अनपेक्षित आचरण का विरोध करता है , जिसका खामियाजा उसे उपेक्षापूर्ण अपमानजनक व्यवहार तथा निलंबन की चेतावनी के रुप में भुगतना पड़ता है । लेकिन आलोक दुर्बल नहीं है । वह उस तनावपूर्ण वातावरण में भी स्वयं को दृढ़तापूर्वक स्थापित किए रखता है , और न केवल अपने निलम्बन को रुकवाता है , बल्कि भ्रष्टाचार की दलदल में फँसे हुए अपने साथी चिकित्सकों को भी उस कीचड़ से बाहर निकलने के लिए विवश कर देता है ।