दाँत

  • 3.6k
  • 938

सुमंगली ने जीवन पर्यंत दिया ही, मगर लिया कुछ नहीं। अपनी वृद्धावस्था में यदि वह अपने लिए कुछ सहेजना चाहे भी, तो परिवार अपनी ज़रूरतों के आगे उसकी उस इच्छा का भी मान रखने को तैयार नहीं।