मनुष्य होने के नाते हमें जानवरों से अधिक संवेदनशील एवं ममतामयी होना चाहिए। मगर होता बिल्कुल उल्टा है। जितनी क्रूरता मनुष्य करता है यदि जानवर आपका किया आपको लौटाए तो