मुझे मेरा जनाज़ा दिखा दो यारो

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धर्मराज के पास मुकद्‌दमा पेश हुआ (हालांकि यह मुकद्‌दमा नहीं था क्योंकि दूत सही प्राणी को यमलोक लाए थे, फिर भी) : ‘‘मुझे अपना ज़नाजा देखने का मौका दिया जाए श्रीमन्‌!‘‘ताज़ा ताज़ा मरे आदमी ने गुहार की। लगे हाथ उसने शेयर भी बना डाला : ‘‘मुझे मेरा ज़नाजा दिखा दो यारो! बदनसीब हूं आईना दिखा दो यारो!