एक इच्छा एक उपहार

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अक्सर बड़ी-बड़ी चीज़ों के पीछे-पीछे भागते-भागते हम छोटी-छोटी बातों की खुशियों से बहुत दूर चले जाते हैं। खुशियों में भी इतनी मिलावट हो गई है कि सच्ची-झूठी खुशी का पता ही नहीं चलता।