अतिथि देवो भव

  • 16.4k
  • 1
  • 2.6k

शहर के युवाओं को तांगे की सवारी को लेकर एक क्रेज़ उत्पन्न हो गया। उन्हें तांगे की सवारी बहुत रोमांटिक लगने लगी। अपनी प्रेमिका के साथ तांगे की सवारी करने का एक चलन बन गया। अब्दुल और उसके जैसे तांगेवालों के दिन बदल गए। शहर के युवाओं को तांगे की सवारी को लेकर एक क्रेज़ उत्पन्न हो गया। उन्हें तांगे की सवारी बहुत रोमांटिक लगने लगी। अपनी प्रेमिका के साथ तांगे की सवारी करने का एक चलन बन गया। अब्दुल और उसके जैसे तांगेवालों के दिन बदल गए।