दिल्ली जैसे किसी भी महानगर की सड़कों पर निकल जाएँ तो अपना जीवन असुरक्षित लगने लगता है। लगता है कि आप अकेले कृष्ण हैं जो किसी दुर्योधन से सड़क पर थोड़ी सी जगह मांग रहे हैं पर आपके आस पास के सड़कों को घेरे दुर्योधन आपको एक इंच ज़मीन देने को तैयार नहीं। मोटर साईकिल वाले ऐसे रेंगते हैं जैसे सड़कों पर काले नाग रेंग रहे हों , आपने छुआ नहीं की डंक लगा