जिस डर, दर्द, परेशानी से औरतों को रोज़ गुज़रना पड़ता है, उससे अगर पुरुषों को गुज़रना पड़े तो हमारे समाज की तस्वीर कैसी हो इस कहानी में कुछ इसी की कल्पना 2070 में की गई है।