पापा के उस मौन तमाचे का यह परिणाम हुआ कि मैं पढ़ाई में सदा अव्वल आती रही और आज एक आई.ए.एस.के पद पर प्रतिष्ठित हूँ अगर पापा ने सही समय पर सही एक्शन न लिया होता तो हो सकता था कि मैं दिशाहीन हो जाती और अपने मार्ग से भटक जाती पापा के उस एक तमाचे ने मेरे जीवन को वह दिशा दे दी कि जिस पर आज मैं फ़क्र करती हूँ