डायरी

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अब तक जिस व्यक्ति को मैंने सिर्फ तस्वीर में देखा था उसका सम्पूर्ण व्यक्तित्व इस डायरी के माध्यम से मेरी आँखों के सामने था। उनसे मेरा रक्त सम्बन्ध तो था ही लेकिन आज उनके विचारों और सिद्धांतों से भी स्वयं को जोड़ पा रहा था। साथ ही उस अफसोस से भी जो उन्हें सालता रहा। क्या होता यदि उन्होंने अपने दिल कि बात सुनी होती।