झूमर को कोर्ट के फैसले की कॉपी बड़ी दौड़-धूप के बाद शाम करीब चार बजे मिल पाई थी। उसने अपने वकील श्यामल कांत श्रीवास्तव को तब धन्यवाद दिया था। साथ ही वकील साहब की घुमा-फिरा कर कही जा रही तमाम बातों का आशय समझते हुए पहले से तय फीस के अलावा पांच हज़ार रुपए और दिए थे। रुपए मिलने की खुशी वकील साहब के चेहरे पर दिख रही थी।

Full Novel

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झूमर - 1

झूमर को कोर्ट के फैसले की कॉपी बड़ी दौड़-धूप के बाद शाम करीब चार बजे मिल पाई थी। उसने वकील श्यामल कांत श्रीवास्तव को तब धन्यवाद दिया था। साथ ही वकील साहब की घुमा-फिरा कर कही जा रही तमाम बातों का आशय समझते हुए पहले से तय फीस के अलावा पांच हज़ार रुपए और दिए थे। रुपए मिलने की खुशी वकील साहब के चेहरे पर दिख रही थी। ...और पढ़े

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झूमर - 2

जल्दी ही झूमर ने उसके साथ प्रयाग छान मारा था। वह उसका सीनियर था उसका व्यवसाय भी बढ़ रहा वह जिस भी कस्टमर के यहां उसे लेकर जाता उसको अपना जूनियर बताता। उसे इसमें बड़ा मजा आता था। बाद के दिनों में कस्टमर से बात शुरू कर आगे कहता कि ‘पॉलिसी के बारे में झूमर जी आप को बताएंगी।’ उसने उसे बहुत ही कम समय में पूरी तरह ट्रेंड कर दिया था। ...और पढ़े

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