जीवन का प्रत्येक पल प्रहर नव संदेश का आगमन होता है एवं प्रत्येक सूर्योदय नव सूर्योदय अर्थात सत्य यही है कि प्रत्येक प्राणी का जीवन उसके जीवन के प्रत्येक पल प्रहर के अनुसार ही परिभाषित होता है एव जाना पहचाना जाता है ।समय कि गणना के लिए पल प्रहर प्रभात संध्या दिवस रात्रि दिवस सप्ताह पक्ष माह वर्ष में विभाजित कर राशियों एव ग्रहों कि गति एव उनकी स्थिति के अनुसार समय काल कि गणना कि जाति है ।दिवस चौबीस प्रहर का सप्ताह सात दिवस का और पक्ष पंद्रह दिवसों का एव माह दो पक्षो को मिलाकर तीस दिवसों के माह में कुल दो पक्ष होते है जो चंद्रमा कि गति पर आधारित होते है क्रमश चंद्रमा का एक से पंद्रह दिनों आकार बढ़ता है और पूर्णिमा को पूर्ण चंद्रमा अपनी सम्पूर्ण चमक चाँदनी उजियार के साथ उदय होता है पूर्णिमा के दिन समुद्र में ज्वार भाटे कि ऊंची ऊंची लहरे उठती है जो बड़े वेग से आकाश में चंद्रमा कि तरफ अर्थात चंद्रमा को छू लेने कि कोशिश करती है ।पूर्णिमा के अगले दिन से निरंतर पंद्रह दिनों तक चंद्रमा का छरण होता है और पन्द्रहवें दिन चंद्रमा का अस्तित्व शून्य में समाहित हो जाता है इस रात्रि विशेष को आमस्या के रूप में जाना जाता है
नवसंवत्सर सिद्धार्थी -2082 - भाग 1
जीवन का प्रत्येक पल प्रहर नव संदेश का आगमन होता है एवं प्रत्येक सूर्योदय नव सूर्योदय अर्थात सत्य यही कि प्रत्येक प्राणी का जीवन उसके जीवन के प्रत्येक पल प्रहर के अनुसार ही परिभाषित होता है एव जाना पहचाना जाता है ।समय कि गणना के लिए पल प्रहर प्रभात संध्या दिवस रात्रि दिवस सप्ताह पक्ष माह वर्ष में विभाजित कर राशियों एव ग्रहों कि गति एव उनकी स्थिति के अनुसार समय काल कि गणना कि जाति है ।दिवस चौबीस प्रहर का सप्ताह सात दिवस का और पक्ष पंद्रह दिवसों का एव माह दो पक्षो को मिलाकर तीस दिवसों ...और पढ़े
नवसंवत्सर सिद्धार्थी -2082 - भाग 2
भारत उपमहाद्वीप में सनातन नववर्ष नव संवत्सर का बहुत महत्व है प्रथम सनातन नव संवत्सर का शुभारंभ ही ब्रह्मांड अधिष्ठात्री देवी नारी शक्ति आराधना से होता है साथ ही साथ इसी नौरात्री कि अवधि कि नौमी को सनातन के आराध्य भगवान राम का जन्म दिन आता है चारो तरफ प्रकृति कि सुन्दर मनोहर छटा तो बागों में फलों के राजा आम के बौर सुबह पुष्पो कि सुगंध कोयल कि मधुर वान पल प्रहर के खेतो में फसलें तैयार किसान कि आशाओं का विश्वास कुल मिलाकर सर्वत्र प्रसन्नता का वातावरण नवसवंत्सर का शुभारंभ 30 मार्च -2025 से हो रहा है ...और पढ़े
नवसंवत्सर सिद्धार्थी -2082 - भाग 3
भरतीय उपमहाद्वीप में सनातन नववर्ष नव संवत्सर का बहुत महत्व है प्रथम सनातन नव संवत्सर का शुभारंभ ही ब्रह्मांड अधिष्ठात्री देवी नारी शक्ति आराधना से होता है साथ ही साथ इसी नौरात्री कि अवधि कि नौमी को सनातन के आराध्य भगवान राम का जन्म दिन आता है चारो तरफ प्रकृति कि सुन्दर मनोहर छटा तो बागों में फलों के राजा आम के बौर सुबह पुष्पो कि सुगंध कोयल कि मधुर वान पल प्रहर के खेतो में फसलें तैयार किसान कि आशाओं का विश्वास कुल मिलाकर सर्वत्र प्रसन्नता का वातावरण नवसवंत्सर का शुभारंभ 30 मार्च -2025 से हो रहा है ...और पढ़े