ब्रह्मांड का प्रत्येक प्राणी रात्रि को निद्रा अवस्था मे वह अभ्यास करता है जिसमें उंसे निश्चित जाना है अर्थात चिरनिद्रा का निरंतर अभ्यास ही प्रत्येक चेतनायुक्त प्राणि की निद्रा है एव प्रत्येक सूर्योदय नव सूर्योदय जीवन का जन्म शुभारम्भ है बहुत स्प्ष्ट है कि जीवन का अस्तित्व पराक्रम काल सूर्योदय से संध्या तक ही है रात्रि के अंधकार में प्राणि जीवन प्रलय के महा अंधकार की महायात्रा का अभ्यास ही करता है जहां प्रति सूर्योदय ही जीवन का प्रादुर्भाव है वहाँ भविष्य की गणना का आधार भी विशुद्ध वैज्ञानिक एव अर्थ पूर्ण परिणाम परक ही होगा।नव कलेंडर वर्ष दो हजार पच्चीस का शुभारंभ एक जनवरी दिन बुधवार से होने वाला है नव वर्ष 2025 प्रभु यीशु स्मरण में प्रारम्भ हुआ क्रिश्चियन मतावलंबिय जो सम्पूर्ण विश्व मे बहुसंख्यक तो है ही आर्थिक सामाजिक सामरिक सभी दृष्टिकोण से सबल सक्षम एव शक्तिशाली है जिसमे यूरोपीय संघ नाटो देशों के अतिरिक्त रूस आदि देश सम्मिलित है यह विल्कुल सत्य है कि प्रधानता प्रमुखता जन धन शक्ति को ही प्राप्त होती है यह सारभौमिक सत्य है अतः सनातन नव वर्ष संवत्सर कि प्रमाणिकता प्रासंगिकता स्वीकार्य सत्य एव सारभौमिक होने के बावजूद नव कलेंडर वर्ष का महत्वपूर्ण स्थान है
नव कलेंडर वर्ष-2025 - भाग 1
नव वर्ष -2025 भाग-1ब्रह्मांड का प्रत्येक प्राणी रात्रि को निद्रा अवस्था मे वह अभ्यास करता है जिसमें उंसे निश्चित है अर्थात चिरनिद्रा का निरंतर अभ्यास ही प्रत्येक चेतनायुक्त प्राणि की निद्रा है एव प्रत्येक सूर्योदय नव सूर्योदय जीवन का जन्म शुभारम्भ है बहुत स्प्ष्ट है कि जीवन का अस्तित्व पराक्रम काल सूर्योदय से संध्या तक ही है रात्रि के अंधकार में प्राणि जीवन प्रलय के महा अंधकार की महायात्रा का अभ्यास ही करता है जहां प्रति सूर्योदय ही जीवन का प्रादुर्भाव है वहाँ भविष्य की गणना का आधार भी विशुद्ध वैज्ञानिक एव अर्थ पूर्ण परिणाम परक ही होगा।नव कलेंडर ...और पढ़े