प्रतिशोध वाला प्यार

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राधिका शुक्ला ||||| कहते हैं कि इंसान जिंदगी में जो करना चाहता है वह कभी नहीं कर सकता क्योंकि समय का दस्तूर कुछ और ही है इंसान चाह कर भी वह नहीं कर पाता जो वह करना चाहता है ऐसी ही एक रोचक कहानी की ओर आगे बढ़ते हैं जीवन में क्या-क्या घटनाएं आती है राधिका के जीवन में और क्या राधिका के सपने कल पूरे होंगे क्या राधिका ने जो सोचा वह पूरा होगा या नहीं और अगर पूरा होगा तो कैसे होगा और पूरा नहीं होगा तो क्या होगा आइए शुरू करते हैं राधिका जो दिखती है वैसी है , नहीं । इसकी ज़िन्दगी दो पहलुओं मैं बटी हुई है , एक तरफ अपने परिवार से बहुत प्यार करती है... लेकिन जताती नहीं... इसकी क्या वजह है... यह हम आगे पढ़ते है ।।।।।।। रात का वक्त राधिका फुल स्पीड में अपनी गाड़ी चला रही थी ।। सड़क में इक्का-दुक्का ही गाड़ियां चल रहे थे ,शायद वह अपने गुस्से को या फिर अपने दु:ख को गाड़ी की स्पीड के ज़रिए कम करना चाहती थी ? कि अचानक उसका बैलेंस बिगड़ा , वह ब्रेक लगाना चाहती थी ,,लेकिन लगा नहीं पायी और उसका गाड़ी जाकर एक पेड़ से टकरा गया... जिससे उसका सर स्टेरिंग पर लगा और उसके सर से खून निकलने लगा और वो वही बेहोश हो गई।।।

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प्रतिशोध वाला प्यार - 1

राधिका शुक्ला ||||| कहते हैं कि इंसान जिंदगी में जो करना चाहता है वह कभी नहीं कर सकता क्योंकि का दस्तूर कुछ और ही है इंसान चाह कर भी वह नहीं कर पाता जो वह करना चाहता है ऐसी ही एक रोचक कहानी की ओर आगे बढ़ते हैं जीवन में क्या-क्या घटनाएं आती है राधिका के जीवन में और क्या राधिका के सपने कल पूरे होंगे क्या राधिका ने जो सोचा वह पूरा होगा या नहीं और अगर पूरा होगा तो कैसे होगा और पूरा नहीं होगा तो क्या होगा आइए शुरू करते हैं राधिका जो दिखती है वैसी ...और पढ़े

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