ये कहानी एक ऐसी लडकी की है, जो ज़िंदगी में आगे बढ़ना चाहती है; IAS बन देश सेवा करना चाहती है । लेकिन 12वीं के बाद ही, 16 साल की उम्र में उसकी शादी कर दी जाती है। फिर उसे किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है? उसे किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है? क्या वो अपना सपना पूरा कर पाती है? या फिर आम लड़कियों की तरह वो भी ज़िंदगी की चुनौतियों की चुनौतियों के सामने घुटने टेक देगी??? अक्सर होता यूँ है कि लड़कियाँ शादी के बाद, अपने ख़्वाबों से समझौता कर लेती हैं । अपनी नियति मान कर चुप बैठ जाती हैं। हालांकि ज़माना बदल रहा है, लेकिन आज भी ज्यादातर परिवारों में, लड़कियों के लिए सोच आज भी वही " ढाक के तीन पात " जैसी सोच है।
फिल्हाल विचाराधीन है - 1
ये कहानी एक ऐसी लडकी की है, जो ज़िंदगी में आगे बढ़ना चाहती है; IAS बन देश सेवा करना है । लेकिन 12वींके बाद ही, 16 साल की उम्र में उसकी शादी कर दी जाती है। फिर उसे किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है? उसे किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है? क्या वो अपना सपना पूरा कर पाती है? या फिर आम लड़कियों की तरह वो भी ज़िंदगी की चुनौतियों की चुनौतियों के सामने घुटने टेक देगी??? अक्सर होता यूँ है कि लड़कियाँ शादी के बाद, अपने ख़्वाबों से समझौता कर लेती हैं । अपनी नियति मान ...और पढ़े
फिल्हाल विचाराधीन है - 2
सुबह 7 बजे का वक़्त है। जावेद साहब, बरामदे में बैठ कर पेपर पढ़ रहे हैं, बेगम से भी चल रहा है। गाहे- ब-गाहे दरवाज़े पर भी निग़ाह डाल लेते हैं। गोया उन्हें किसी का इंतज़ार हो। आख़िर इतनी सुबह- सुबह जावेद साहब को किसका इंतज़ार है?? तभी बाहर गाड़ी के रुकने की आवाज़ आती है। गेट खुलता है और बाहर से ही सलाम करता हुआ एक शख्स़ अंदर दाख़िल होता है। जिसकी उम्र क़रीब 30 के आस- पास होगी। ऊँचा लम्बा क़द, बड़ी- बड़ी आँखें, कुशादा पेशानी, मुस्कुराता हुआ चेहरा। जावेद साहब खड़े हो जाते हैं और उसे ...और पढ़े