यक्षिणी एक डायन

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रात के दो बज रहे थे और विराट मेघालय और असम बॉर्डर के बीच पड़ने वाली किशनोईनदी पार कर रहा था। दूर-दूर तक अंधेरा छाया हुआ था। एक गहरे सन्नाटे नेकिशनोई नदी को घेर के रखा हुआ था और उसी नदी के ऊपर काले बादल मंडरा रहे थे जिन्हें देखकर ऐसा लग रहा था कि किसी भी पल वह बरसने वाले है। नदी में घुटनों तक पानी था जो धीमी रफ्तार के साथ बहे जा रहा था।विराट के एक हाथ में मोबाइल का टॉर्च था तो दूसरे हाथ में साईकिल का हैंडल। विराट पैदल-पैदल मोबाइल के टॉर्च की रोशनी के सहारे नदी पार कर ही रहा था कि तभी उसका मोबाइल बजने लग जाता है।

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यक्षिणी एक डायन - 1

रात के दो बज रहे थे और विराट मेघालय और असम बॉर्डर के बीच पड़ने वाली किशनोईनदी पार कर था। दूर-दूर तक अंधेरा छाया हुआ था। एक गहरे सन्नाटे नेकिशनोई नदी को घेर के रखा हुआ था और उसी नदी के ऊपर काले बादल मंडरा रहे थे जिन्हें देखकर ऐसा लग रहा था कि किसी भी पल वह बरसने वाले है। नदी में घुटनों तक पानी था जो धीमी रफ्तार के साथ बहे जा रहा था।विराट के एक हाथ में मोबाइल का टॉर्च था तो दूसरे हाथ में साईकिल का हैंडल। विराट पैदल-पैदल मोबाइल के टॉर्च की रोशनी के ...और पढ़े

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यक्षिणी एक डायन - 2

जगदीश फिर लेखक से पूछता है – "बताईए ना सर क्‍या अभिशाप मिला था यक्षिणी को?"लेखक जगदीश के सवाल जवाब देते हुए कहता है – "वो जानने के लिए तुम्हें मेरी किताब के दूसरे भाग के आने का इंतजार करना पड़ेगा समझे।""अच्‍छी मार्केटिंग स्‍ट्रेजी है सर किताब बेचने की।""वो तो होगी ही जगदीश, किताब बेचता हूँ और उस किताब के साथ अपने दर्द भी, तो उन आँसुओं के पैसे तो वसूलूंगा ही ना, बस एक बात दिमाग में रखना कोई भी इंसान बुरा नहीं होता उसे बुरा बनाया जाता है।""मतलब यक्षिणी बुरी नहीं थी उसे बुरा बनाया गया था ...और पढ़े

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यक्षिणी एक डायन - 3

बूढ़ा युग के सवाल का जवाब देते हुए कहता है – "नहीं बिटुआ यक्षिणी अब मर्दो को अपना शिकार बनाती।""क्‍यों बाबा,क्‍या यक्षिणी यहाँ से चली गयी है जो अब वो अपना मर्दो को शिकार नहीं बनाती है?"वो बूढा युग के पास जाते हुए कहता है – "वो गयी नहीं है, शांत हो गयी है।""शांत हो गयी है मतलब?""मतलब यह कि आज से तेरह साल पहले उस ग्रेव्‍यार्ड कोठी में एक लेखक बाबू रहते थे। उन लेखक बाबू को ही उस यक्षिणी ने अपना आखिरी शिकार बनाया था। तुम्‍हें पता है लेखक बाबू की किसी को लाश तक नहीं मिली ...और पढ़े

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यक्षिणी एक डायन - 4

अभिमन्‍यु के हाथ में जो इलेक्‍ट्रोमैग्नेटिक फील्‍ड मीटर था वो लगातार बजते जा रहा था। उसकी आवाज धीरे-धीरे तेज जा रही थी। युग इलेक्‍ट्रोमैग्नेटिक फील्‍ड मीटर को देखते हुए कहता है – "यार ये इतना आवाज क्‍यों कर रहा है, तु इसे बंद क्‍यों नहीं करता वरना जंगली जानवर जाग जाऐगें और यदि वो जाग गये तो भूत प्रेत हमे मारे या ना मारे लेकिन वो हमे जरूर मार डालेगें।" अभिमन्‍यु चिढ़ते हुए युग से कहता है – "युग तु तो ऐसे बोल रहा है जैसे मैं यह सब जान बूझकर कर रहा हूँ, ये डिवाईस अपने आप ...और पढ़े

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यक्षिणी एक डायन - 5

युग डरते हुए अभिमन्‍यु से कहता है – "यार तुने आवाज सूनी?" अभिमन्‍यु हैरानी के साथ है – "कैसी आवाज?" "यार लड़की की आवाज।" अभिमन्‍यु चिढ़ते हुए कहता है – "यार ये तुने क्‍या जब से लड़की की आवाज लगाकर रखा है, जब से यहाँ पर आया है कह रहा है लड़की की आवाज-लड़की की आवाज, किस लड़की की आवाज की बात कर रहा है तू?" "यार, पता नहीं पर सच में मैंने दो-तीन बार किसी लड़की की आवाज सुनी।" "लगता है तेरे कान कुछ ज्‍यादा ही बज रहे है, ये बता तू रास्‍ते भर ...और पढ़े

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यक्षिणी एक डायन - 6

युग अभिमन्‍यु के सवाल का जवाब देते हुए कहता है – "ऑर्गेनिक खेती का स्‍टार्टअप।" अभिमन्‍यु अपना मुँह फाड़ते कहता है – "क्‍या कहा खेती!!" "खेती नहीं ऑर्गेनिक खेती दोनों में अंतर है, मैंने देखा है आज कल बड़े-बड़े बिजनेशमैन अपना सब कुछ छोड़कर ऑर्गेनिक खेती कर रहे है क्योंकि यह भी एक अच्‍छा बिजनेश है और मुझे यकीन है मैं भी कर सकता हूँ और इसे एक अच्‍छा स्‍टार्टअप बना सकता हूँ। " "हाँ ये सब पता है मुझे पर तु ये बता तुझे खेती करनी आती भी है?" "आती तो नहीं पर हाँ पर सीख जाऊँगा।" ...और पढ़े

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यक्षिणी एक डायन - 7

कछुआ युग के सवाल का कुछ जवाब नहीं दे रहा था उसकी नजरें मरे हुए कौओं पर गड़ी हुई जिसे देखकर उसके मन का ख़ौफ़ बढ़ते जा रहा था। युग कछुए को हिलाते हुए कहता है – "अरे क्‍या हुआ, तू चुप क्‍यों हो गया, बता ना ग्रेव्‍यार्ड कोठी का दरवाजा लगाने के लिए लोगों ने अपनी जान क्‍यों दी?" कछुआ डरते हुए कहता है – "लोगों ने अपनी जान दी नहीं बल्कि यक्षिणी ने उनकी जान ली थी, युग।" युग हैरानी के साथ कहता है – "क्‍या! पर एक बाबा ने तो बताया था ...और पढ़े

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यक्षिणी एक डायन - 8

अभिमन्‍यु बिन्‍दु के सवाल का जवाब देते हुए कहता है – "अरे बिन्‍दु ये अपना युग है अपना बचपन दोस्‍त, भूल गयी बचपन में यही तुम्हारी दो चोटी पकड़ के खींच देता था और इसी ने तो तुम्हारा नामकरण किया था बिन्‍दीया से बिन्‍दु।" बिन्‍दु खुश होते हुए कहती है – "अच्‍छो युग, तुमी काखा ऐ छील?" युग अभिमन्‍यु की तरफ देखने लग जाता है क्योंकि उसे बिन्‍दु की बंगाली समझ में नहीं आई थी। अभिमन्‍यु बिन्‍दु को समझाते हुए कहता है – "यार बिन्‍दु तेरी ना बचपन की आदत अभी तक गयी नहीं है, कभी बंगाली में ...और पढ़े

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यक्षिणी एक डायन - 9

युग और अभिमन्‍यु भागते-भागते ऊपर वाले कमरे की ओर जाने लग जाते है। जब वो कछुए के पास पहुँचते तो देखते है कि कछुआ एक कमरे के सामने भूत बनकर खड़ा हुआ था जिसका दरवाजा लगा हुआ था। डर के कारण कछुए के हाथ पैर अभी भी कंपकंपा रहे थे उसको देखकर ऐसा लग रहा था जैसे उसने कोई भूत देख लिया हो। अभिमन्‍यु फटाक से कछुए से पूछता है – "क्‍या हुआ कछुआ तू चीखा क्‍यों?" कछुआ इतना डर गया था कि कुछ नहीं बोल पा रहा था उसकी आँखें अभी भी फटी की फटी ...और पढ़े

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यक्षिणी एक डायन - 10

कछुआ भी डरते हुए कहता है – "कहीं मेरी गैर हाजरी मैं तुम दोनो ने वो दरवाजा खोल तो दिया?" युग और अभिमन्‍यु कछुए की बात का कुछ जवाब नहीं दे रहे थे। वह दोनों एक दूसरे की तरफ घूर घूर के देख रहे थे। कछुआ डरते हुए कहता है – "क्‍या हुआ तुम ये एक दूसरे की सूरत क्‍यों देख रहे हो, मेरी बात का कुछ जवाब क्‍यों नहीं दे रहे हो, बताओ ना कहीं तुमने यक्षिणी जिस कमरे में कैद है उसे खोल तो नहीं दिया?" अभिमन्‍यु हिचकिचाते हुए कहता है – "यार ...और पढ़े

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