श्री गणेश आय नम: वो भागा जा रहा था...हाथ में एक छोटा सा बैग लिए...बार बार मुड़ कर देख लेता...कोई उसका पीछा तो नहीं कर रहा...बाज़ार से निकलते हुए जैसे ही वो गली में मुड़ा...सामने से आ रहे पुलिसवालों को देखकर ठिठक गया...उसने मोबाइल निकाला और कान पर लगाकर ये दिखाने की कोशिश करने लगा कि वो किसी से बात कर रहा है...पुलिस कॉन्स्टेबल उसे घूरते हुए निकल गए...उसने कदम तेज़ी से आगे बढ़ाए...और एक कोने में जाकर मोबाइल से एक नंबर डायल किया...वो बुदबुदाया,”अरे उठाती क्यों नहीं”...पूरी बेल गई...दूसरी तरफ फोन नहीं उठा...पसीने से तर उसने एक बार फिर नंबर डायल किया...दो घंटी के बाद ही फोन उठा तो वो चीखते हुए बोला...”कहां रहता है फोन...और कहां रहती हो तुम”..

नए एपिसोड्स : : Every Saturday

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फंस गया गुलशन - 1

श्री गणेश आय नम: वो भागा जा रहा था...हाथ में एक छोटा सा बैग लिए...बार बार मुड़ कर देख लेता...कोई पीछा तो नहीं कर रहा...बाज़ार से निकलते हुए जैसे ही वो गली में मुड़ा...सामने से आ रहे पुलिसवालों को देखकर ठिठक गया...उसने मोबाइल निकाला और कान पर लगाकर ये दिखाने की कोशिश करने लगा कि वो किसी से बात कर रहा है...पुलिस कॉन्स्टेबल उसे घूरते हुए निकल गए...उसने कदम तेज़ी से आगे बढ़ाए...और एक कोने में जाकर मोबाइल से एक नंबर डायल किया...वो बुदबुदाया,”अरे उठाती क्यों नहीं”...पूरी बेल गई...दूसरी तरफ फोन नहीं उठा...पसीने से तर उसने एक बार फिर नंबर डायल किया...दो घंटी के बाद ही फोन उठा तो वो चीखते हुए बोला...”कहां रहता है फोन...और कहां रहती हो तुम”.. ...और पढ़े

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फंस गया गुलशन - 2

Recap: गुलशन कुछ गुंडों से जान बचाकर भाग रहा था...अचानक दो मोटरसायकिल सवार उस पर तलवार से हमला कर हैं...वार कंधे पर लगता है...इससे पहले की उस पर दूसरा हमला होता सामने से पुलिस की जीप आ जाती है, गुलशन बेहोश हो जाता है...अस्पताल में पुलिस इंस्पेक्टर गुलशन के दोस्त से उसके बारे में पूछता है... अब आगे... ”गुल्लू...प्यार से हम गुलशन को गुल्लू ही कहते हैं साहबजी...कमाल का बंदा है...बिंदास...मस्तमौला...दूसरों की मदद करने वाला...घर परिवार का ख़याल रखने वाला...हमेशा हंसना और दूसरों को हंसाना...क्या बताऊं कितनी खूबियां हैं इसमें...तभी तो हैरानी होती है...कि इतने प्यारे इंसान की ...और पढ़े

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फंस गया गुलशान - 3

श्री गणेश आय नम: Recap: पिछले अंक में आपने पढ़ा गुलशन को दिल्ली से नौकरी का कॉल आता है, बहुत खुश है लेकिन उसकी प्रेमिका के घरवाले उसकी शादी कहीं और तय कर रहे हैं. गुलशन किसी तरह कुछ समय बिताने के लिए कहता है, नौकरी करते ही शादी करने की बात कहता है, दोनों पार्क में मिलकर सारी बातें करते हैं...अब आगे रात करीब एक बजे का वक्त था...पूरा गांव नींद में डूबा था, कभी कभी किसी कुत्ते के भोंकने से शांति भंग हो जाती, ठंड भी आज बढ़ गई थी...रजाई ओढ़ कर गुलशन मोबाइल पर सोनी से ...और पढ़े

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