चंद्रगुप्त - द्वितीय अंक - 17 मालवों के स्कंधावार में युद्ध परिषद् - सिंहरण का प्रवेश हुआ और परिषद् में हर्ष व्याप्त हुआ - चाणक्य व्यासपीठ पर आए ... पढ़िए, चंद्रगुप्त - द्वितीय अंक - 17.