आइना सच नहीं बोलता

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सितम्बर २०१६ के पहले सप्ताह से इनका प्रकाशन प्रारंभ हुआ ... पाठको ने पहले ही एपिसोड से इसको हाथोहाथ लिया हम सबका उत्साह वर्धन हुआ ... हर कड़ी की पहले रफ़ लिखा जाता फिर टीम के सामने रखा जाता सब अपने हिसाब से सुझाव देते जिसके अनुसार परिवर्तन किए जाते। फिर से उसको लिखा जाता इस तरह कई बार एक कड़ी कई चरणों में पूरी होती टीम में प्यार सामंजस्य सहयोग बना रहा कथाकड़ी की नंदिनी सबके मध्य एक संवाद सूत्र बन गयी उसके बहाने से सबके आत्मीय रिश्ते बने जिसको जितना समय जैसे जैसे मिलता रहा उतनी कड़ियाँ सबके हिस्से आई . पुस्तक मेले में इस कथाकड़ी को एक पहचान मिली जब इसका लोकार्पण आदरणीय तेजेंदर शर्मा जी (सुप्रतिष्ठित कहानीकार ) के द्वारा किया गया अनेक समाचारपत्रों पत्रिकाओ और लोकसभा टीवी के साहित्यिकी कार्यक्रम में इसको स्थान मिला , कई इ पत्रिकाओ ने इस पर आलेख लिखे . दैनिक जागरण अखबार में योगिता यादव ने इसको नए समय की नयी सोच करार दिया कई लेखिका मित्रो ने आगे आकर इस कथाकड़ी से जुड़ने की इच्छा प्रकट की बहुत से पाठक दिल से इस कथाकड़ी के साथ जुड़ गये उनका इनबॉक्स सन्देश भावुक कर देने वाला होता हर कड़ी का बेसब्री से इंतज़ार होता