ये पुस्तक मेरी कुछ कविताओं, गजलों और कुछ शायरी का संग्रह है कहा जाता हैं कि शायरी, कवितायेँ, गजल सभी में एक भावना छुपी होती है I हर रचनाकार अपने भावों को शब्दों का सहारा लेकर कागज पर उतरता है I ऐसा ही एक प्रयास है गुहर-ए- बिजनोर इसमें बचपन की यादों को, इश्क़ को और उसके दर्द को और अपने जीवन के अनुभव को बयां करने का प्रयास किया है I