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यह पुस्तक भारतीय समाज में कुरीतियों और कुविचारों पर प्रकाश डालने के साथ साथ कुछ हास्य और सृंगार की रचनाओं का संग्रह है ।इस पुस्तक में लिखी बाते जिन कुरीतियों की ओर इशारा करती हैं ओ किसी धर्म सम्प्रदाय और जाति विशेष को कोई ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से नही लिखी हैं ये केवल कवि के अपने निजी विचार हैं अगर ठीक लगे तो लाइक करे अन्यथा क्षमा ।।