हौसला

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कहते हैं जहा माँ सरस्वती का वास होता है वहा, चाहे देर से ही सही पर लक्ष्मीजी अवश्य पधारती हैं। इसी बात की जीती जागती मिसाल है दीपा नन्दलाल आतवाणी। 26 वर्षीय दीपा गुजरात के हिंमतनगर जिल्ले के एक सरकारी कॉलेज मे सेकन्ड क्लास स्टाफ की श्रेणी मे बतौर लेक्चरर कार्यरत हैं। दीपा का बचपन से लेक्चरर तक का सफर खूब संघर्षपूर्ण रहा। 1991 मे अहमदाबाद के एक गरीब परिवार मे दीपा का जन्म हुआ। पिता एक बिस्कुट की फैक्टरी मे नौकरी करते थे। पर उनको रोजाना काम नही मिलता था।