ग़ज़ले

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कभी कभी जब मन उदास हुआ कुछ लिखा,जब मन खुश हुआ तब लिखा। जब तुम्हारी याद आयी तब लिखा,जब अकेला नहीं था तब भी लिखा। हर दिन कुछ लिखता हूँ तब भी मन नहीं भरता तब भी लिखा। हर कलाम हर लफ्ज हर कता में खोजते हुए बस मैंने लिखा।