परती जमीन भाग - ४

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परती जमीन एक कहानी है जिसमे इस बात को दर्शाया गया है, की लोभ सिर्फ अहित करता है लोभ से ग्रसित लोग सर्व सपन्न होने के बाद भी जीवन में और ज्यादा के लोभ में अपना और अपने समाज का अहित ही करते हैं इस विषय को प्रस्तुत करती ये कहानी है जिसमे, मुश्किल हालत में लोग एक दूसरे की सहायता करने के लिए आगे आते है किन्तु जैसे ही सम्पन्नता की ओर बढ़ते है, लालच उनके जीवन और समाज में जहर की तरह घुल जाती है इसी क्रम में गांव में कई अनिष्ट घटनायें घटती है कई हत्यायों और निष्काशन के फलस्वरूप गांव से निकाले हुए रामबाबू का पुनरागमन होता है जो सेना के साथ राजा के आदेश तहत लौटता है और सभी दोषियों को सजा देकर गांव में पुनः शांति बहाल करता है