कुछ बूंदे

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मानव मन कल्पना एवं भावनाओँ का एक बड़ा अभिन्न अंग है ये कल्पनाएँ ही हमारे जीवन को विकास की गति प्रदान करती है जिससे प्रेरित होकर व्यक्ति अपना तथा समाज का विकास करता है अपनी अनुभूतियाँ के आधार पर ही वयक्ति अपने जीवन में लयबद्धता लाता है और परिस्थितियों से उत्पन जीवन के उतर चढ़ाव, धूप छाव, सुख दुःख का अनुभव करता है उससे उद्देलित होकर भावो एवं कल्पना के माध्यम से शब्दो को एक सूत्र में पिरो कर रचना का रूप दे देता है जिन्हे हम कवि लेखक या रचनाकार के रूप में जानते है जो कहानी कविता गीत गजल लेख से समाज को प्रेरित या एक नई सोच प्रदान करता है मैंने भी इस पुस्तक में अपनी भावनाओ वा कल्पनाओ को रचना का रूप दिया है इसमें संगृहीत कविताये “अहसास” “मेरी शहजादी” “सपना” “उदगार” में आने वाले बच्चे की कल्पना की है जिसने मेरे ह्रदय के मधुरिम भावो को अंकुरित किया जिसे मैंने सब्दो में पिरोकर कविता का रूप दिया है अन्य कविताये प्रकृति से प्रेरित होकर लिखी है “मेरी वेदना” “विश्वाश” “सोचती है माँ” “शबनम” “उफ़ गर्मी” आदि है आशा करती हूँ की ये कविताये आप के मन को अवश्ये छुएंगी ये कविता संग्रह मैं माँ सरस्वती के चरणों में समर्पित करती हूँ जिनके आशीर्वाद से यह संभव हो सका तारा गुप्ता