श्रीकांत - भाग 17

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वैष्णवी ने आज मुझसे बार-बार शपथ करा ली कि उसका पूर्व विवरण सुनकर मैं घृणा नहीं करूँगा। 'सुनना मैं चाहता नहीं, पर अगर सुनूँ तो घृणा न करूँगा।' वैष्णवी ने सवाल किया, 'पर क्यों नहीं करोगे? सुनकर औरत-मर्द सब ही तो घृणा करते हैं।' 'मैं नहीं जानता कि तुम क्या कहोगी, तो भी अन्दाज लगा सकता हूँ। यह जानता हूँ कि उसे सुनकर औरतें ही औरतों से सबसे ज्यादा घृणा करती हैं, और इसका कारण भी जानता हूँ, पर तुम्हें वह नहीं बताना चाहता।