क्या है कविता का स्त्रीपक्ष , समझने की कोशिश पांच समकालीन कवयित्रियों की कविताओं से . कविता में स्त्री अभिव्यक्ति का मुख्य सरोकार पराधीनता से मुक्ति का संघर्ष है, पराधीनता मुक्त प्रेम और सौहार्द से भरे समय का स्वप्न है. वे अपनी और दूसरों की पराधीनता को एक साथ ख़त्म करने की मुहिम के साथ लिखना शुरू होती हैं. या लिखते हुए जिस स्वप्न को वे जी सकती हैं, उन्हें जीना यथार्थः संभव नहीं दीखता, तो वे लिखती हैं.