ईश विधान

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ईश विधान के साथ कई सारी अतुकांत कविता हैं ईश विधान कविता का संदेश है हमें मानव सेवा करनी चाहिए . ईश विधान में सर्व शक्तिमान ईश के आगे किसी इंसान की नही चलती . हर पल उसकी होनी अनहोनी के आधीन है . वही होनी को अनहोनी करता है और अनहोनी को अनहोनी . कार दुर्घटना से चलता फिरता इंसान आपहिज हो जाता है , फिर उसकी कृपा से चलने लगता है .