किरचें ख्वाबों की उन जज्बों की ख़लिश है जो दिल में उगते हैं और बुलबुलों की मानिंद फूट जाते हैं रह जाती है तो एक टीस ,एक आह और कुछ बूँद आँसू लिख देते हैं एक ऐसा तराना जो लबों से नहीं दिल से सुनाई देता है