Sadabahar Dev Anand (Biography)

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यह पुस्तक भारतीय सिनेमा के इतिहास में सदाबहार अभिनेता के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले रोमांटिक छवि वाले देव आनंद के जीवन एवं फिल्मी कैरियर पर आधारित है। देव आनंद के अलावा दिलीप कुमार और राजकपूर की त्रिमूर्ति ने अभिनय की जिस आधारशीला की स्थापना की वह आज हालांकि काफी विस्तृत हो गयी है लेकिन आज भी इन तीनों की शैलियों का अनुसरण आज के नायक कर रहे हैं। ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार और भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े शो मैन माने जाने वाले अभिनेता-निर्देषक राज कपूर के साथ मिलकर देव आनंद ने हिंदी सिनेमा को एक मजबूत आधार दिया जिसपर आज पूरा का पूरा बॉलीवुड खड़ा है जिसका विस्तार देश की सरहदों से आगे निकल चुका है और जिसका अरबों रुपये का कारोबार है। आजाद भारत के उभरते हुये हिंदी सिनेमा की त्रिमूर्ति का अहम हिस्सा देव थे। देव आनंद, दिलीप कुमार, राज कपूर की इस त्रिमूर्ति ने करोड़ों भारतीयों को हसीन सपने और आदर्श दिये। अभिनय की वि​शिष्ट शैली का सृजन करने वाले देव आनंद अभिनय अदायगी के खास अंदाज की बदौलत देखते ही देखते लोगों के दिल की धड़कन बन गए थे। भारतीय सिनेमा के संभवतः सबसे सुंदर अभिनेता देव आनंद ने झुकी हुयी गर्दन, आँखों के एक कोने से प्यार भरी नजर, स्टाइलिश कपड़े और मासूमियत से भरे चेहरे के जरिये हजारों लड़कियों को अपना दिवाना बना लिया। अपनी मुस्कुराहट, खास तरह की हंसी, हंसने पर दाई ओर नजर आने वाले दांतों के बीच के छोटे से गैप, बेतकुल्लफी से छलकती आंखें और बोलने के अपने अंदाज के जरिये देव आनंद आम लोगों के दिलों में खास तौर पर महिलाओं और लड़कियों के दिलों में बस गये। कहा जाता है कि काले कोट में वह इतने आकर्षक लगते थे कि जब वह सड़क पर चलते तो लड़कियां कूद कर उनके सामने आ जाती। देव आनंद यौवन, स्फूर्ति, स्मार्टनेस और खूबसूरती के प्रतीक थे। देव आनंद के किरदार ने आजाद भारत के युवकों को प्यार और नैतिकता के लिये ‘‘हारने और मरने’’ के बजाय हर हाल में ‘‘जीतना और जीना’’ ​सिखाया। उम्मीद है कि उस सदाबहार रोमांटिक नायक के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित यह पुस्तक पाठकों को पसंद आयेगी जिसने आजाद भारत के लोगों को ‘‘जिंदगी का साथ निभाने तथा हर फिक्र को धुंये में उड़ाने’’ की फिलाॅसफी सिखायी।